कबि न होउँ नहिं बचन प्रबीनू।
सकल कला सब बिद्या हीनू ।।
मैं न तो कवि हूँ ओर न ही बोलने में प्रवीण (कुशल) हूँ । मैं सभी कलाओं और सब प्रकार की विद्या से भी हीन हूँ ।
let's learn to live life!
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